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पत्रकारिता का बदलता रूप
पत्रकारिता का बदलता रूप जी हा आज में आप सभी से इसी विषय में चिंतन करना चाहुगा , ये विषय काफी दिनों से मन में चल रहे उधेड़ बुन की वजह बन चूका है जिसे आखिर मुझे अपने मन रूपी जाल से मुक्त करते हुए व्यक्त करना ही पड़ा......असल बात ये है कि पत्रकारिता का मूल उदेश्य ही ना जाने कही खो सा गया है जिसका नकारात्मक प्रभाव हमारे समाज पर भी पड़ रहा है , जेसा की हम सभी जानते है की पत्रकारिता एक ऐसा पेशा था जो की समाज में हो रही विपरीत और गलत गति विधि को सुधरने में काफी सार्थक हुआ करता था जिसकी बदोलत पत्रकारिता को लोकतंत्र का चोथा इस्ताभ कहा गया है किन्तु आज की परिस्तिथि कुछ और ही नजर आती है पत्रकारिता के तो जेसे माइने ही बदल गए हो और ऐसा हो भी क्यों ना क्युकी " रंग बदलती दुनीया में इंसान की नियत ठीक नहीं " जी हा कुछ लोग लालच में आजाते है और कुछ लोगो की आवाज को दबा दिया जाता है . कई घोटाले शायद आज भी कही रुपियो के बोझ के तले तबे पड़े हो और कुछ जो सामने आते भी तो उन लोगो को पहेले ही मौत के हवाले कर दिया जाता है. तो क्या इन सभी बातो से प्रजातंत्र केवल नाम क...
जरूरत है बदलाव की....... हमे कुछ करना होगा...
काफी दिन से चिंता का विषय बना हुआ है एक मुद्दा जिसे सोच कर सभी लोग चिंतित है और हो भी क्यू ना, आए दिन हमारे देश मे रेप के मामले बढ़ रहे है जो कि थमने का नाम नहीं ले रहे है और हमारी बेहन बिटियो का जीना दुश्वार हो गया है, अगर हमारी बेहन या बेटी घर से बाहर गई है तो उसके घर आने तक हमे उसकी चिंता सताती है क्यूंकि हवानगी की कोई सीमा ही नहीं रहे गई है हर तरफ दरिंदे ही दरिंदे है जो अपनी हवस को मिटाने को ओरतो की इज्ज़त नोच डालते है और उनका शोषण करते है , हाल ही में हुई एक घटना ने इंसानियत को ही तार तार कर दिया है जम्मू के कठुआ जिले में रहेने वाली 8 साल की एक मासूम नाबालिक लड़की से दुष्कर्म और हत्या की खबर सामने आई है जिसे पढने और देखने से ऐसा लगता है के मनो इंसानियत का तो शायद गला ही घोट दीया गया हो | पूरा मामला जाने :- ये मामला 10 जनवरी का है , कठुआ जिले के गाँव रसाना में रहेने वाली 8 साल की बच्ची असीफा बानो अचानक दोपहर में लापता हो गई थी , बच्ची के लापता होने बाद पूरा परिवार , गाँव और स्थानीय पुलिस बच्ची की तलाश में जुट गए थे इस मामले की शिकायत ...
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